श्रीलंका की ‘इंडिया फर्स्ट’ नीति

श्रीलंका के विदेश सचिव जयंत कोलम्बेज ने हाल ही में भारत के प्रति श्रीलंका की ‘इंडिया फर्स्ट’ नीति के बारे में विचार साझा किये।
मुख्य बिंदु
श्रीलंका की सामरिक सुरक्षा नीति में “इंडिया फर्स्ट” दृष्टिकोण होगा। यह चीन के साथ अपनी भू-राजनीतिक स्थितियों को बदल देगा। चीन हिंद महासागर क्षेत्र में अपने रणनीतिक स्थान के लिए श्रीलंका पर प्रभुत्व कायम करने की कोशिश कर रहा है।
‘इंडिया इर्स्ट’ नीति के साथ, श्रीलंका ने घोषणा की कि यद्यपि यह अन्य देशों के साथ प्रमुख आर्थिक सौदों के लिए खुला है, परन्तु रणनीतिक सुरक्षा के मामले में भारत को सर्वप्रथम वरीयता दी जाएगी।
भारत और श्रीलंका के बीच रक्षा सहयोग
भारत और श्रीलंका संयुक्त सैन्य अभ्यास करते हैं, जिसे “मित्र शक्ति” कहा जाता है। इसके अलावा, वे एक संयुक्त नौसैनिक अभ्यास आयोजित करते हैं जिसे “SLINEX” कहा जाता है। भारत वर्तमान में श्रीलंकाई सेनाओं को रक्षा प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है। 2019 में, दोनों देशों ने हिंद महासागर क्षेत्र में नशीले पदार्थों और मानव तस्करी का मुकाबला करने के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
निगरानी में सुधार और समुद्री प्रदूषण को कम करने और समुद्री डकैती रोधी अभियानों के लिए भारत, मालदीव और श्रीलंका के बीच एक त्रिपक्षीय सुरक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
श्रीलंका का भू-राजनीतिक महत्व
हिंद महासागर क्षेत्र में श्रीलंका का स्थान रणनीतिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण रहा है। त्रिकोणमली द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश नौसेना का प्रमुख बंदरगाह था।
चीन वर्तमान में हिंद महासागर में विशाल आधुनिक बंदरगाहों का निर्माण कर रहा है। ऐसा ही एक बंदरगाह श्रीलंका के हंबनटोटा में स्थित है। अन्य विशाल आधुनिक चीनी बंदरगाह ग्वादर (पाकिस्तान), क्युक फलू (म्यांमार) और चटगाँव (बांग्लादेश) में स्थित हैं।
राजनीतिक
श्रीलंका बिम्सटेक और सार्क का सदस्य है। श्रीलंका लंबे समय से भारत की भू-राजनीतिक कक्षा में था।
Advertisement
Month: करेंट अफेयर्स - अगस्त, 2020
Categories: अंतर्राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स
Tags: इंडिया फर्स्ट, भारत श्रीलंका सम्बन्ध, India First, India First Policy, India First Policy of Sri Lanka, India-Sri Lanka Ties