6,500 करोड़ रुपये में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास किया जाएगा

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भारत का दूसरा सबसे व्यस्त और सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन है। यह प्रतिदिन 4.5 लाख से अधिक यात्रियों को संभालता है। रेल भूमि विकास प्राधिकरण द्वारा 6,500 करोड़ रुपये में इस स्टेशन का पुनर्विकास किया जायेगा।
मुख्य बिंदु
- निजी कंपनियों से बोलियां लेकर रेलवे स्टेशन को विकसित किया जायेगा
- इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य बुनियादी ढांचे का उन्नयन करना है
- स्टेशन को ‘डिजाईन बिल्ड फाइनेंस ऑपरेट ट्रांसफर मॉडल’ के तहत विकसित किया जायेगा
- इस पुनर्विकास परियोजना की मुख्य विशेषताओं में रिफर्बिश्ड प्लेटफॉर्म, मेजेनाइन लेवल, रेस्ट रूम, फूड कोर्ट और ग्रीन बिल्डिंग प्रावधान शामिल हैं जिनमें प्रकाश का इष्टतम उपयोग शामिल है।
रेल भूमि विकास प्राधिकरण
यह एक वैधानिक प्राधिकरण है जो रेल मंत्रालय के अधीन कार्यरत है। यह रेलवे अधिनियम, 1989 के संशोधन के तहत स्थापित किया गया था। यह प्राधिकरण रेलवे की खाली भूमि को रेलवे की संपत्ति में विकसित करने के लिए जिम्मेदार है। यह गैर-टैरिफ उपायों के साथ-साथ राजस्व सृजित कर सकता है।
11वीं योजना अवधि के दौरान, भारतीय योजना आयोग ने रेलवे के बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए 20,272 अरब रुपये के अनुमानित बजट की गणना की थी।
वर्तमान में, रेल भूमि विकास प्राधिकरण चार प्रकार की परियोजनाओं पर निम्नानुसार काम कर रहा है :
- बहुआयामी काम्प्लेक्स
- वाणिज्यिक परियोजनाएँ
- कॉलोनी पुनर्विकास
- स्टेशन का विकास
रेलवे का निजीकरण
रेल मंत्रालय ने निजी क्षेत्रों को 100 से अधिक मार्गों पर यात्री ट्रेन सेवाएं संचालित करने की अनुमति देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह निजी क्षेत्र में 30,000 करोड़ रुपये का निवेश लायेगा। रेलवे के निजीकरण का मुख्य उद्देश्य आधुनिक तकनीक की शुरुआत करना, पारगमन के समय को कम करना, बढ़ी हुई सुरक्षा प्रदान करना, रोजगार सृजन को बढ़ावा देना, विश्व स्तर की यात्रा का अनुभव प्रदान करना है।
बिबेक देबरॉय समिति
इस समिति का गठन भारतीय रेलवे के संसाधनों को जुटाने के तरीके सुझाने के लिए किया गया था और इसमें वैगनों, रोलिंग स्टॉक्स और कोचों के निजीकरण का पक्ष लिया था।
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Month: करेंट अफेयर्स - अगस्त, 2020
Categories: राष्ट्रीय (India) करेंट अफेयर्स
Tags: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, बिबेक देबरॉय समिति, रेल भूमि विकास प्राधिकरण, रेलवे का निजीकरण, Bibek Debroy Committee, Privatization of Railways, Rail Land Development Authority